"पुरानी हवेली का राज़ – एक डरावनी भूत ki story
शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी हवेली खड़ी थी। लोग उसे "bhoot हवेली" के नाम से जानते थे। कहते हैं, वहाँ कई साल पहले एक दर्दनाक हादसा हुआ था, जिसके बाद वह जगह haunted place बन गई। गाँव के लोग उस हवेली के पास जाने से भी डरते थे।
शुरुआत
Rajeev, एक युवा फोटोग्राफर, डरावनी और रहस्यमयी जगहों की तस्वीरें खींचने का शौक़ीन था। उसने कई real ghost stories सुनी थीं, लेकिन उसे कभी किसी भूत का सामना नहीं हुआ था। उसके दोस्तों ने उसे bhoot हवेली की bhoot ki kahani सुनाई, पर वह इसे सिर्फ़ अफवाह मानता था।
एक दिन, rajeev ne तय किया कि वह रात में हवेली जाकर सच्चाई पता लगाएगा। कैमरा, टॉर्च और मोबाइल लेकर वह हवेली की ओर निकल पड़ा। रास्ता सुनसान था, चारों ओर सिर्फ़ पेड़ों की सरसराहट और दूर से आती उल्लू की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
हवेली का माहौल
जब rajeev हवेली के गेट पर पहुँचा, तो उसने देखा कि लोहे का दरवाज़ा आधा टूटा हुआ था और उस पर जंग लगी थी। जैसे ही उसने अंदर कदम रखा, ठंडी हवा का एक तेज़ झोंका उसके चेहरे से टकराया। हवेली के अंदर धूल, जाले और टूटी-फूटी चीज़ें बिखरी पड़ी थीं। दीवारों पर पुराने समय की पेंटिंग्स थीं, जिनके चेहरे धुंधले और डरावने लग रहे थे।
वह अपना कैमरा निकालकर तस्वीरें लेने लगा। लेकिन हर तस्वीर में उसे एक अजीब-सा धुंधला साया दिखाई दे रहा था। शुरू में उसने सोचा कि यह कैमरे की गलती है, लेकिन साया हर तस्वीर में एक ही जगह खड़ा था — ऊपर की मंज़िल के कोने में।
पहली घटना
Rajeev sidhiyo से ऊपर गया। अचानक उसे लगा कि पीछे कोई चल रहा है, लेकिन पीछे मुड़ने पर वहाँ कोई नहीं था। उसने टॉर्च की रोशनी डाली, और तभी ऊपर से एक पुरानी लकड़ी की कुर्सी ज़ोर से गिर पड़ी। दिल की धड़कन तेज़ हो गई, लेकिन वह वापस मुड़ा नहीं।
जैसे ही वह हवेली के सबसे पुराने कमरे में पहुँचा, उसने देखा — कमरे के बीचों-बीच एक पुराना शीशा रखा है, जो धूल से ढका था। Rajeev ने हाथ से शीशा साफ़ किया, और जो उसने देखा, उससे उसका खून जम गया।
शीशे में उसका प्रतिबिंब नहीं, बल्कि एक सफ़ेद साड़ी पहनी हुई औरत खड़ी थी, जिसकी आँखें बिल्कुल काली थीं और चेहरा बिना भाव के। वह औरत धीरे-धीरे मुस्कुराने लगी, लेकिन उसके होंठों से खून टपकने लगा।
सच का खुलासा
Rajeev डर के मारे पीछे हट गया, लेकिन तभी वह औरत उसके कान के पास आकर फुसफुसाई —
"तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था..."
Rajeev भागने लगा, लेकिन दरवाज़े अपने आप बंद हो गए। खिड़कियों से ठंडी हवा और चीख़ने की आवाज़ आने लगी। अचानक उसे दीवार पर पुराने अख़बार चिपके मिले। उन्होंने एक हादसे की खबर लिखी थी —
"Bhoot हवेली में रहस्यमयी मौत, एक महिला की आत्महत्या।"
पढ़कर उसे समझ आया कि यह वही औरत थी, जिसकी आत्मा यहाँ फँसी हुई थी। अख़बार में लिखा था कि उसका पति बहुत क्रूर था और उसने उसे मार दिया था, फिर सबको यह कहकर धोखा दिया कि उसने आत्महत्या कर ली। उसकी आत्मा अब भी न्याय के इंतज़ार में थी।
अंतिम मुठभेड़
Rajeev ने डरते हुए कहा, "मैं तुम्हारी मदद करूंगा... सच सबके सामने लाऊंगा।"
महिला की आत्मा कुछ पल के लिए शांत हो गई, लेकिन फिर उसका चेहरा भयानक हो गया।
"तुम यहाँ से ज़िंदा नहीं जाओगे..."
अचानक पूरे कमरे में अंधेरा छा गया। Rajeev को लगा किसी ने उसकी गर्दन पकड़ ली है। उसकी टॉर्च गिर गई, मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई। बस अंधेरे में किसी के हँसने और रोने की आवाज़ आती रही।
सुबह गाँव वालों ने हवेली के बाहर rajeev का कैमरा और टॉर्च पाई, लेकिन वह खुद कभी नहीं मिला। उसकी आखिरी तस्वीर में वही सफ़ेद साड़ी वाली औरत खिड़की से बाहर देख रही थी।